भागवृत्तिसंकलनम्

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अष्टाध्यायी कीप्राचीन अनुपलब्ध वृत्ति के ग्रन्थान्तरों में उध्दृत दो सौ उध्दरणों का संकलन किया गया है। काशिका के अननतर यही वृत्ति प्रामाणिक मानी गई ह ।