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पिङ्गलनागछन्दोविचितिभाष्यम्

200.00

यादव प्रकाश द्वारा विरचित भाष्य । इसकी प्रमुख विशेषता है कि इसमें छन्दों के जो उदाहरण दिए हैं वे अश्लीलता के दोष से रहित हैं। अतः गुरुकुलों के ब्रह्मचारियों के लिए यह पुस्तक परम उपयोगी है।

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