भारतकेसमस्त रोगों की अचूक औषध ऋषि प्रणाली

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श्री पं० ब्रह्मदत्त जी जिज्ञासु ने इस लघु पुस्तिका के माध्यम से आज राष्ट्र में व्याप्त अत्याचार, दुराचार, बलात्कार, बेइमानी, लूट-खसोट, राजनीतिक अस्थिरता, चारित्रिक पतन आदि असाध्य राष्ट्रीय रोगों की एक मात्र औषण आर्ष ग्रन्थों के अध्ययन-अध्यापन को बताया है।