अष्टाध्यायीभाष्य

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(संस्कृत – हिन्दी ) – श्री. पं० ब्रह्मदत्त जिज्ञासु कृत । इसके संस्कृत भाग में प्रत्ये सूत्र का
पदच्छेद, विभक्ति, समास और आने वाली अनुवृत्ति का निर्देश करके सरक संस्कृत मे सूत्र की वृत्ति और उदाहरण दिये हैं। प्रत्येक भाग के अन्त में उदाहरणों की सिध्दि की प्रक्रिया दर्शाई है।