वेद-श्रुति-आमान्य- संज्ञा-मीमांसा

30.00

(संस्कृत – हिन्दी ) – लेखक – पं० युधिष्ठिर मीमांसक। इसमें सप्रमाण दर्शाया गया है कि मन्त्रों की ही वेद संज्ञा है । ब्राह्मणग्रन्थों में वेद- श्रुति- आमान्य-संज्ञा परिभाषिक और केवल यज्ञीय प्रकरण तक ही सीमित है। – ३०.००