अथर्ववेद-काव्यामृत

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प्रथम खण्ड (काण्ड १-७ ) – इस काव्यानुवाद में सहृदय सुधीपाठकों को मन्त्रों का शब्दशः अनुवाद ही नहीं अपितु भावानुवाद भी प्राप्त होगा। -लेखक – डॉ० विजयवीर विद्यालङ्कार