ऋग्वेदानुक्रमणी

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वेङ्कटमाधवकृत – इस ग्रन्थ में स्वर, छन्द आदि आठ वैदिक विषयों पर गम्भीर विचार किया गया है। प्रत्येक वेदार्थ के जिज्ञासु के लिए यह ग्रन्थ परम उपयोगी है।

व्याख्याकार – श्री. डॉ० जिवयपाल जी विद्यावारिधि ।